1 फरवरी 2021 को म्यांमार में नवंबर 2020 में हुए चुनाव की विजेता पार्टी अपनी सत्ता काबिज़ करने वाली थी परंतु इससे पहले कि NLD पार्टी अपनी सत्ता की बागडोर संभालती म्यांमार में सैन्य तख्तापलट हो गया| म्यांमार के सभी बड़े leaders को हिरासत में ले लिया गया है जिसमें Aung san suu kyi और म्यांमार के राष्ट्रपति Win myint प्रमुख हैं| म्यांमार के सेना द्वारा म्यांमार में 1 वर्ष के लिए State of emergency की घोषणा कर दी गई है|
तख्तापलट के आसार
शनिवार 30 जनवरी से ही म्यांमार में स्थित अमेरिकी और यूरोपीय देशों के दूतावास द्वारा संयुक्त रूप से यह आसार लगाए जा रहे थे कि म्यांमार में तख्तापलट हो सकता है|
तख्तापलट का कारण
म्यांमार में नवंबर 2020 में हुए चुनाव में Aung san suu kyi की पार्टी National league for democracy(NLD) ने बहुत ही ज्यादा बढ़त से चुनाव में विजय प्राप्त की थील चुनाव के नतीजों से ऐसा लग रहा था कि चुनाव का नतीजा एकतरफा ही था| म्यांमार के चुनावी इतिहास में इस तरह की बढत द्वारा किसी पार्टी ने कभी जीत हासिल नहीं की थी| म्यांमार की सेना का कहना था कि यह चुनाव अनियमितता(irregularities) से हुए हैं उन्होंने इस चुनाव को सिरे से नकार दिया| उनका कहना था कि वे इस चुनाव में दिए गए 9 मिलियन वोट की प्रमाणिकता(authenticity) जानना चाहते हैं| सेना ने म्यांमार की United election commision (UEC) को 1 फरवरी तक का अंतिम अवसर यह साबित करने के लिए दिया था कि यह चुनाव सही तरीके से हुए हैं परंतु 1 फरवरी तक भी UEC के पास कोई ऐसा सबूत नहीं था कि वह सेना द्वारा कही बात को गलत साबित कर पाए| अतः सेना द्वारा 1 फरवरी को म्यांमार में तख्तापलट कर दिया गया|
तख्तापलट के बाद म्यांमार के हालात
तख्तापलट के बाद म्यांमार के सभी बड़े शहरों में Mobile internet data connection को बंद कर दिया गया है| State broadcasters के किसी भी प्रकार के खबर की cover करने पर रोक लगा दी गई है| म्यांमार की राजधानी से बाहरी देशों की दखल को रोकने के लिए सभी प्रकार की communication को बंद कर दिया गया है| International broadcasters जैसे BBC news, Aljazeera etc. को भी किसी प्रकार की coverage करने पर रोक लगा दी गई है| तख्तापलट के बाद से बैंक किसी भी प्रकार की आर्थिक सेवाएं नहीं दे रहा है केवल ATM ही चालू हैं|
अब तख्तापलट होने के बाद यह आसार लगाए जा रहे हैं कि म्यांमार की सत्ता अगले 1 वर्ष तक सेना के हाथों में ही रहेगी|
धन्यवाद...





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