कौन जीता था 1965 का भारत-पाक युद्ध?


युद्ध की पृष्ठभूमि

पाकिस्तान 1947 के बाद से ही जम्मू कश्मीर को अपना हिस्सा बनाने की कोशिश कर रहा था| वर्ष 1965 आते-आते पाकिस्तान ने भारत पर हमला करने के अपने मंसूबे को सफल बनाने के लिए पहल करने का निर्णय लिया| पाकिस्तान ने वर्ष 1965 को ही अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए कई कारणों से चुना| वर्ष 1962 में भारत-चीन युद्ध में भारत की हार हुई थी जिसके कारण पाकिस्तान को यह लगने लगा था कि वह भारत पर हमला करके जम्मू-कश्मीर को अपने अधीन कर लेंगे| इसके अलावा वर्ष 1964 में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की मृत्यु हो गई जिसके कारण भारत में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो गया था, हालांकि आगे चलकर लाल बहादुर शास्त्री को भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री के रूप में चुना गया| द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त होने के बाद से ही अमेरिका और सोवियत संघ के बीच शीत युद्ध का प्रारंभ हो गया था| शीत युद्ध में पाकिस्तान,अमेरिका के पक्ष में था इसलिए अमेरिका ने पाकिस्तान को कई आधुनिक हथियार और विमान दिए थे जिससे कि पाकिस्तान को यह आत्मविश्वास होने लगा था कि वह भारत पर हमला करके जम्मू कश्मीर को आसानी से जीत सकते हैं|

युद्ध का आरंभ

अप्रैल 1965 में पाकिस्तान ने गुजरात के कच्छ के रण क्षेत्र में अपना 50% का दावा ठोक दिया जिसका भारत ने पूर्णतः विरोध किया| इसके बाद दोनों देश की सेनाओं के बीच छोटी सी झड़प भी हुई| मामला ज्यादा गंभीर मोड़ न ले इसलिए इंग्लैंड ने दोनों देशों के बीच मध्यस्था करवाने की कोशिश की और दोनों को आपसी सहमति से इस मसले को सुलझाने के लिए कहा| आपसी सहमति से इस विकल्प से पाकिस्तान को यह लगने लगा था कि यदि वे जम्मू-कश्मीर में भी तनिक अधिक प्रयास करें तो कश्मीर मुद्दे पर भी भारत को आपसी सहमति के लिए विवश कर सकते हैं|
इसी के साथ 5 अगस्त 1965 को पाकिस्तान ने ऑपरेशन जिब्राल्टर का आगाज कर दिया| इस ऑपरेशन के तहत 30,000 से ज्यादा घुसपैठियों को कश्मीर में दाखिला दिलवाया गया और उनके द्वारा कश्मीरी लोगों को भारत के प्रति भड़काने का भी प्रयास किया गया परंतु कश्मीरी लोग पाकिस्तान का विरोध करने लगे और घुसपैठियों के प्रति भारतीय सेना का साथ देने लगे| भारतीय सेना के वीर जवान मेजर रंजीत सिंह दयाल की अगुवाई में "हाजी पीर पास" पर अपना कब्जा जमाने में सफल हुए| उन्होंने घुसपैठियों को उनके अंजाम तक पहुंचाया और इस प्रकार भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान के ऑपरेशन जिब्राल्टर का अंत किया गया|
ऑपरेशन जिब्राल्टर के खात्मे के बाद पाकिस्तान ने 1 सितंबर 1965 को operation Grand Slam शुरू कर दिया जिसके तहत पाकिस्तानी वायु सेना द्वारा कश्मीर के कुछ क्षेत्रों जैसे अखनूर इत्यादि पर बमबारी की जाने लगी| पाक सेना का यह लक्ष्य था कि मुगल रोड पर अपना कब्जा जमा लिया जाए ताकि पुंछ और राजौरी क्षेत्रों के बीच का समन्वय टूट जाए परंतु भारतीय वायुसेना और थलसेना ने उनके इस लक्ष्य को मुकम्मल नहीं होने दिया| भारतीय वायुसेना और थलसेना ने पाकिस्तान की हरकत पर तुरंत कारवाई की और उनके ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम का खात्मा कर दिया|
कौन जीता था 1965 का भारत-पाक युद्ध?


युद्ध का प्रचंड रूप

पाकिस्तान द्वारा  ऑपरेशन जिब्राल्टर और ऑपरेशन ग्रैंड स्लैम जम्मू कश्मीर पर कब्जा करने के लिए जारी किए गए थे| चूंकि जम्मू-कश्मीर एक पहाड़ी क्षेत्र था इसलिए भारतीय सेना के लिए वहां लड़ाई करना काफी मुश्किल हो रहा था| भारतीय सेना यह चाहती थी कि पाकिस्तान से लड़ाई का रुख पंजाब की ओर मोड़ दिया जाए जिसमें भारतीय सेना सफल भी रही| 8 सितंबर 1965 को पाकिस्तान ने पंजाब के खेमकरण पर हमला करके उसे अपने कब्जे में कर लिया, उसके बाद उनका लक्ष्य अमृतसर पर कब्जा करना था परंतु भारतीय सेना के वीर जवानों ने उनके मंसूबों को पूरा नहीं होने दिया| दोनों देशों के बीच भयंकर टैंक युद्ध हुआ| इस युद्ध में पाकिस्तान के 100 से ज्यादा टैंक भारतीय सिपाहियों द्वारा नष्ट कर दिए गए| पाकिस्तान के टैंकों को पछारने के बाद भारतीय सेना लाहौर की ओर बढ़ने लगी| 
8 सितंबर 1965 को ही बर्फी गांव में पाकिस्तान और भारतीय सेना के बीच युद्ध हुआ, इस युद्ध में भी पाकिस्तान के लगभग 84 टैंक नष्ट हुए| भारतीय सेना के सिख रेजीमेंट ने बर्फी गांव युद्ध में अपने साहस का परचम लहराया| भारतीय सेना ने बर्फी पर अधिकार कर लिया था| साथ ही साथ आकाश में भी भारतीय वायु सेना पाकिस्तान की वायु सेना को बुरी तरह से पछाड़ रही थी, हालांकि पाकिस्तान के पास अमेरिका से प्राप्त आधुनिक विमान थे इसके बावजूद भारतीय सेना उन पर पूरी तरह हावी हो रही थी| भारतीय सेना के एयर चीफ मार्शल अर्जन सिंह की अगुवाई में 73 पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया गया|
कौन जीता था 1965 का भारत-पाक युद्ध?


20 सितंबर की रात को भारतीय सेना के 3 जाट बटालियन के जवानों ने लेफ्टिनेंट कर्नल डेसमंड हेड के नेतृत्व में पाकिस्तान स्थित डोगराई पर हमला करके उसे अपने कब्जे में ले लिया| अब भारतीय सेना लाहौर से बहस 1 किलोमीटर दूर थी| इस युद्ध में भारतीय सेना ने अपनी एक मजबूत पकड़ स्थापित कर ली थी|

युद्ध का समापन

USSR और UN Security Council (संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद) ने युद्ध में दखल देते हुए 22 सितंबर को दोनों देशों के सम्मुख युद्ध विराम करने का प्रस्ताव रखा जिसे 23 सितंबर को दोनों देशों ने स्वीकार कर लिया और 23 सितंबर को युद्ध विराम की घोषणा की गई| युद्ध विराम की घोषणा होने तक भारत ने पाकिस्तान की 1920 वर्ग किलोमीटर की जमीन को अपने कब्जे में कर लिया था जबकि पाकिस्तान ने भारत की 540 किलोमीटर की जमीन को अपने कब्जे में कर लिया था| इस युद्ध में भारत के लगभग 3000 जवान शहीद हुए जबकि पाकिस्तान के 3800 जवान मारे गए|
हालांकि आधिकारिक रूप से इस युद्ध में विजेता का निर्धारण नहीं हुआ परंतु भारत इस युद्ध में इतनी मजबूत परिस्थिति में था कि यदि युद्ध कुछ दिन और चलता तो वह पाकिस्तान के एक बड़े क्षेत्र को अपने अधीन कर सकता था| भारत की मजबूत परिस्थिति का अनुमान युद्ध में अर्जित किए गए क्षेत्र इत्यादि के आंकड़ों से ही लगाया जा सकता है| इसके बावजूद भी पाकिस्तान यह कहता है कि इस युद्ध में उसकी विजई हुई थी|

1966 का ताशकंद समझौता

USSR द्वारा दोनों देशों में सुलह करवाने के लिए 10 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौता करवाया गया| इस समझौते पर पाकिस्तान के उस वक्त के प्रधानमंत्री अयुब खान और भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने दस्तखत किए थे| इस समझौते के तहत दोनों देशों को एक-दूसरे की अर्जित की गई भूमि को वापस लौटाना पड़ा, इसके अतिरिक्त दोनों देशों के बीच युद्ध से पूर्व निर्धारित अंतर्रष्ट्रीय सीमा को ही पुनः मान्यता मिली| इस समझौते के तहत दोनों देशों ने युद्धबंदियों को उनके देशों को सौंप दिया| यह समझौता पूरी तरह से भारत के लिए हानिकारक साबित हुआ| भारत इस युद्ध में एक ऐसी स्थिति में था कि यदि वह चाहता तो पाकिस्तान के एक बड़े क्षेत्र को अपने अधीन कर सकता था इसके बावजूद भी भारत ने यह समझौता करके पाकिस्तान की अधिकृत भूमि को लौटा दिया| यह समझौता भारतीयों के लिए घोर दुखदाई तब साबित हुआ जब समझौते पर हस्ताक्षर करने के कुछ घंटे पश्चात ही भारतीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का रहस्यमई तरीके से निधन हो गया| 
इस समझौते का लक्ष्य दोनों देशों के बीच पुनः शांति व्यवस्था उत्पन्न करवाना था|
कौन जीता था 1965 का भारत-पाक युद्ध?

धन्यवाद

गौरव कुमार